Tuesday, January 10, 2012

विवादों के घेरे में रहा टीईटी

विवादों के घेरे में रहा टीईटी

लखनऊ, 9 जनवरी (जाब्यू) : शिक्षा के अधिकार के तहत कक्षा एक से आठ तक के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अव्यवस्था का शिकार रही। परीक्षा परिणाम भी विवाद के घेरे में रहा। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रदेश में पहली बार आयोजित इस परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी शासन ने यूपी बोर्ड को सौंपी है। बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) बीती 13 नवंबर को आयोजित की गई थी। परीक्षा का परिणाम 25 नवंबर को देर रात टीईटी की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया गया था। आयोग ने टीईटी की उत्तरमाला भी वेबसाइट पर डाल दी गई थी। उत्तरमाला में 13 प्रश्न ऐसे थे जिनके बोर्ड ने अलग-अलग उत्तर (प्रश्नपत्र के अलग-अलग सेट में) बताये थे। इसे लेकर अभ्यर्थियों ने यूपी बोर्ड से आपत्ति जतायी थी। बाद में बोर्ड ने वेबसाइट से परीक्षा परिणाम हटा लिया था। फिर उत्तरमाला को लेकर उठाई गईं आपत्तियों को दूर करते हुए संशोधित परिणाम जारी किया गया। उस समय भी अभ्यर्थियों ने परिणाम को संशोधित करने के नाम पर उसमें गड़बड़ी करने की आशंकाएं जाहिर की थी। संशोधित परिणाम में कितने अभ्यर्थी बढ़े, इसका भी बोर्ड ने कोई ब्योरा नहीं उपलब्ध कराया था। संशोधित उत्तरमाला और परिणाम जारी करने के बाद भी कई अभ्यर्थी परिणाम से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए बीती 16 दिसंबर को यूपी बोर्ड को आदेश दिया कि वह अभ्यर्थियों के प्रत्यावेदन लेकर उनकी आपत्तियों का निस्तारण करें। अदालत के आदेश के क्रम में अब तक बोर्ड को 26,000 प्रत्यावेदन प्राप्त हो चुके हैं। अदालत के आदेश के अनुपालन में यूपी बोर्ड द्वारा बार परीक्षा परिणाम को संशोधित करने का सिलसिला जारी है।

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